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Magic Light AI

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MagicLight AI lets you create animated videos from scripts or text using custom characters, different styles, and multilingual voices, all without requiring editing skills. It’s perfect for content creators, educators, and storytellers who need a quick and easy way to make videos for marketing, teaching, or sharing stories.
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AI tool Advantages icon Advantages

  • Generate videos up to 30 minutes
  • Create consistent AI characters
  • Supports multiple language voiceovers

AI tool disadvantages icon Disadvantages

  • Limited customization options
  • No audio enhancement feature
  • Credit usage may be expensive

Plans and pricing icon Plans and pricing

  • Free
  • $12 per month
  • $26 per month
  • $35 per month

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No

Most suitable professions

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Use cases

  • Create animated explainer videos
  • Produce educational training videos
  • Generate story-driven animated films
  • Customize characters using AI

 

Target audience

  • Video influencers
  • Youtubers
  • Video producers
  • Graphic designers
  • Social media managers
  • E-learning developers
  • Brand strategists

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User Reviews

December 13, 2025

ज़मीन बहुत कम थी, लेकिन मेहनत करने का हौसला बहुत बड़ा था। वह रोज़ सुबह सूरज निकलने से पहले उठ जाता और खेतों में काम करने चला जाता। कभी दूसरों के खेत में मज़दूरी करता, तो कभी अपने छोटे से खेत में हल

Tirath kumar
December 12, 2025

नीरज पाल एक छोटे गाँव का लड़का था। उसके पास ज़्यादा पैसे नहीं थे, लेकिन उसके पास एक बड़ा सपना था—इंजीनियर बनना।

दिन में स्कूल, शाम को खेतों में पिता की मदद और रात में लालटेन की रोशनी में पढ़ाई।

धीरे-धीरे उसकी मेहनत रंग लाई और उसने टॉप कॉलेज में स्कॉलरशिप पा ली।

गाँव के लोगों ने पहली बार देखा कि मेहनत सच में किस्मत बदल देती है।

Anshu
December 12, 2025

One month

Kaushlendra patel
December 12, 2025

रामू एक मेहनती किसान था। हर सुबह सूरज निकलने से पहले वह खेतों में पहुँच जाता। उसकी जमीन भले ही कम थी, मगर उम्मीदें बहुत बड़ी थीं। एक साल बारिश कम हुई, फसल सूखने लगी, पर रामू ने हिम्मत नहीं हारी। उसने कुआँ खुदवाया, दिन-रात मेहनत की और आखिर में उसकी फसल लहलहाने लगी। गाँव वाले भी उसके जज़्बे से प्रेरित हुए। रामू ने साबित कर दिया कि मेहनत और विश्वास से मुश्किल रास्ते भी आसान हो जाते हैं।

Rahul kumar
December 5, 2025

एक पुराने पेड़ पर कबूतर दंप पति रहते थे—रानी और राजा। हर सुबह वे साथ उड़ते, दाने खोजते, और शाम को उसी डाल पर लौट आते। रानी हमेशा राजा के पंख सँवारती और राजा उसकी देखभाल करता। पूरे जंगल में उनकी मोहब्बत की मिसाल दी जाती थी।

एक दिन तेज़ आँधी चली। पेड़ हिलने लगा और रानी उड़ नहीं पा रही थी। राजा ने उसे अकेला छोड़ने से इनकार कर दिया। उसने अपने पंख फैला कर रानी को ढक लिया। आँधी गुज़री और दोनों सुरक्षित रहे।

उस दिन से सभी पक्षियों ने समझा—प्यार हमेशा ताकत नहीं, बल्कि साथ निभाने का नाम है। और पेड़ पर बैठे वो दो कबूतर रोज़ एक-दूसरे की ओर देखकर जैसे यही कहते, “साथ हो तो हर तूफ़ान छोटा है।”

sapna shakya
December 3, 2025

यह एक गरीब किसान की प्रेरक कहानी है, जो बहुत ग़रीबी में पैदा हुआ, लेकिन अपनी मेहनत, ईमानदारी और हौसले से ऊपर उठ आया।

गरीब किसान के मेहनत की कहानी

एक छोट गाँव में रामू नाम के एगो किसान रहत रहे। रामू के परिवार बहुत गरीबी में जी रहल रहे—टूटा फूटा घर, दू बीघा बंजर जमीन, आ रोज–रोज के चिंता कि आज के खाना कहाँ से आई।

लेकिन रामू के मन में हिम्मत कबहूँ ना घटल। ऊ हमेशा कहत—

“मेहनत करे वाला कबहूँ हारेला ना।”

पहिला संघर्ष

जमीन बंजर रहे, पानी ना रहे, लेकिन रामू रोज सुबेरे उठ के खेत में हल चलावत। जब लोग कहत—

“ई जमीन से कुछु ना उगेला।”

तब रामू मुस्कुरा के जवाब देत—

“जमीन ना, मनुष्य बंजर हो जाएला जब ऊ कोशिश छोड़ देला।”

धीरे–धीरे ऊ खेत में गोबर, पत्ता, जैव खाद मिलावत गइल। तीन महीना बाद जमीन नरम हो गइल।

दूसर मेहनत

अब पानी के जरूरत रहे। रामू के पास मोटर खरीदे के पैसा ना रहे।

तब ऊ गाँव में दिहाड़ी मजूरी करे लगल। दिन भर दूसर लोग के खेत में पसीना बहावत, रात में अपना खेत में काम करत।

दो महीना बाद, ऊ पुरान हाथ वाला पंप खरीदल।

पहिला फल

साल भर बाद, रामू के खेत में पहली बार हरियाली छा गइल।

लोग कहे लगल —

“रामू, तोहार मेहनत रंग ला गइल।”

उस साल रामू के खेत से नींबू, बैंगन, आ मिर्च के अच्छी पैदावार भइल। ऊ कुछ कर्जा चुकता कइल, आ घर में बरसों बाद खुशी के दीप जलल।

ऊपर उठे के राह

दू साल बाद रामू अपने खेत में ड्रिप सिंचाई, जैविक खेती, आ नया बीज का प्रयोग शुरू कइल।

सरकार के योजना से ऊ छोटा–सा कोल्ड स्टोरेज भी लगवल।

अब रामू के खेती गाँव में मिसाल बन गइल।

लोक कहे लगल —

“गरीबी काहे ना होखे, मेहनत वाला आदमी के रोके वाला कोई ना।”

आज के रामू

आज रामू किसान समूह के नेता बा।

अपना गाँव के 20 गरीब किसान के ऊ सिखवले कि—

जमीन चाहे बंजर होखे

हालात चाहे खराब होखे

लेकिन मेहनत, नीयत आ हौसला होखे त इंसान सब कठिनाई पार कर लेला।

अगर चाहीं, त हम ई कहानी के लंबा, छोटा, या बाल–कहानी के तरह लिख देब।

अफजल
November 22, 2025

एक घने जंगल के किनारे एक गरीब लकड़हारा रहता था। रोज सुबह वह अपनी छोटी-सी कुल्हाड़ी लेकर जंगल में लकड़ी काटने जाता। उसकी जिंदगी कठिन थी, लेकिन वह ईमानदारी और मेहनत पर विश्वास करता था।

एक दिन नदी के पास लकड़ी काटते हुए उसकी कुल्हाड़ी पानी में गिर गई। वह घबरा गया, क्योंकि वही उसकी रोजी-रोटी थी। तभी नदी से एक चमकदार देवी निकलीं। उन्होंने सोने और चांदी की दो कुल्हाड़ियाँ दिखाईं और पूछा, “क्या यह तुम्हारी है?”

लकड़हारे ने सिर झुकाकर कहा, “नहीं देवी माँ, मेरी तो साधारण लोहे की कुल्हाड़ी थी।”

उसकी ईमानदारी देखकर देवी प्रसन्न हो गईं और तीनों कुल्हाड़ियाँ उसे दे दीं। लकड़हारा खुशी-खुशी घर लौटा। उसकी मेहनत और सच्चाई ने उसकी गरीबी मिटा दी।

सीख: मेहनत और ईमानदारी का फल

रवि
November 22, 2025

एक घने जंगल के किनारे एक गरीब लकड़हारा रहता था। वह रोज सुबह कुल्हाड़ी उठाकर जंगल में जाता और पेड़ों की सूखी टहनियाँ काटकर बाज़ार में बेचता। कमाई बहुत कम होती, पर वह मेहनती और ईमानदार था।

एक दिन उसे जंगल में एक घायल पक्षी मिला। लकड़हारे ने अपना काम छोड़कर धीरे-धीरे उसे पानी पिलाया और घर ले जाकर उसकी देखभाल की। कुछ दिनों में पक्षी ठीक होकर उड़ गया। लकड़हारा मुस्कुराते हुए बोला, “भलाई कभी बेकार नहीं जाती।”

कुछ समय बाद वही पक्षी उसके घर के बाहर चमकता हुआ एक छोटा सा सोने का सिक्का छोड़ गया। लकड़हारा हैरान था, पर समझ गया कि उसकी भलाई का फल उसे मिल गया है।

उसने सिक्के से अपने घर की हालत सुधारी, लेकिन मेहनत करना नहीं छोड़ा। वह हर दिन कहता, “मेहनत और नेकी—दोनों का फल जरूर मिलता है।”

रवि लकड़हारा
November 16, 2025

Jser

Vijay Rathore

दो दोस्तों की कहानी एक छोटे से गाँव में आरव और स मीर नाम के दो घनिष्ठ दोस्त रहते थे। दोनों साथ-साथ स्कूल जाते, खेलते, हँसते और सपने देखते। उनकी दोस्ती पूरे गाँव में मिसाल मानी जाती थी। एक दिन गाँव में नदी का पानी अचानक बढ़ने लगा। स्कूल से लौटते स मय समीर का पैर फिसल गया और वह तेज़ बहाव में गिर पड़ा। आरव ने बिना एक पल सोचे नदी में छलाँग ल गा दी। वह तैरना ठीक से नहीं जानता था, लेकिन दोस्त को बचाने का हौसला उससे कहीं ज्यादा था। बहुत कोशिशों के बाद आरव ने समीर का हाथ पकड़ लिया औ र दोनों किसी तरह किना

Vivek
October 30, 2025

Vishal rawat

Vishal rawat